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बधाई हो ! गर्मियां बढ़ गयी है . #ClimateChange

बधाई हो ! गर्मियां बढ़ गयी है . #ClimateChange

दोस्तो हमने कर दिखाया . हम सबकी फेवरेट Summers अब एक महीना और आगे बढ़ गया है. पहले तो गर्मियां सिर्फ मई या जून के शुरुआत तक रहती थी. मध्य जून तक तो बारिश आ ही जाती थी . मगर हमारी मेहनत और लगन के बदौलत हमने गर्मियों के मौसम इतना बढ़ा दिया कि इस साल जुलाई जाने को है और अभी तक नाम मात्र से भी कम बारिश हुई है , ऐसी बारिश जो तब होती थी जब बारिश का मौसम नही होता था ।
मगर आज हमें खुशियां माननी चाहिए . पूरी पृथ्वी जल रही है. और जहाँ कही बारिश हो रही है वहाँ इतनी की बाढ़ ही आ जाती है. ब्रिटेन जहाँ हाल ही मैं क्रिकेट वर्ल्डकप में बारिश से सब परेशान थे अब वहां बारिश रुक जाने के कारण परेशान हो रहे है , कारण वहां तामपान अचानक से बढ़ गया है. लोग गर्मी से छुटकारे के लिए समुंदर के पास जा रहे है , वही समुंदर जो शायद आने वाले दस साल में हमारी लगन और मेहनत से गायब ही हो जाएगा ।

                                         https://www.bbc.com/news/uk-49094575

मगर हमे क्या हम तो अपनी ज़िंदगी मे मस्त है. हम तो इस कदर बेशर्म हो चुके है जो सिर्फ पैसा कमाना चाहते है , अपनी लाइफ सेट करना चाहते है और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित फाइनेंस छोड़ कर जाना चाहते है मगर हम जो आज प्रदुषण फैला रहे है , जो पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रहे है , उसके दुष्प्रभाव भी तो अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिख छोड़ कर जा रहे है।

मगर अजी हमे क्या . हम तो मर जायेंगे . हमारे बच्चे जीते जी ही मर जायेंगे . भूखे मरेंगे जब जेब मे पैसा होगा मगर खाने को खाना नही होगा , सब सूख चुका होगा 
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मगर हम तो बेशर्म लोग है जी , हमारी आने वाली पीड़िया हमे याद करेगी , इसीलिए की हमे गाली दे सके. उनके पास पीने को पानी नही होगा . पानी के लिए एक दूसरे को काट खाएंगे ,जो अभी शुरू भी हो चुका है . कई जगह खबरे भी आती है कि पानी के लोगो ने एक दूसरे की जान ली. 
पढ़िए न्यूज़ 18 की एक खबर इस लिंक पर fight over water 
                                         

वातावरण में इतना प्रदुषण होगा कि आनी वाली पीड़िया अपंग होगी , वो मानसिक रूप से , शारीरिक रूप से इतने कमजोर होंगे कि आधी उम्र में परेशान होकर मर जायेंगे .

#भयंकर क्लाइमेट चेंज

भारत के प्रधान सेवक तो कह गए कि वातारण नही बदल रहा हम बदल रहे है .
वो कह सकते है . मगर हम तो इसको सह रहे है . करीब 15 सालो में पहली बार ऐसा हुआ है कि जुलाई में सबसे कम मतलब ना के बराबर बारिश हुई है . एक समय तब जब स्कूलों में कार्यक्रम होते थे जुलाई महीने में पेड़ लगाने से संबंधित. मगर अब तो वो भी नही हो रहे कारण यही की बारिश ही नही है तो पेड़ को कहा से पानी पिलायेंगे.

याद करो वो समय जब अखबार में खबर आती थी कि आया सावन झुमके . तो मैं आपको बता दूं अभी सावन ही चल रहा है , क्योंकि कुछ लोगो को ध्यान में नही रहा कि सावन का महीना आ गया है , कारण यही की बारिश तो हुई नही. भारतीय औरतें जो सावन में शहर के बगीचों में सावन का झूला झूलने जाती थी , अब न वो सावन की बारिश आयी और ना ही वो पेड़ बचे है जिन पर झूला टांगा जा सके .

ये दुनिया इतनी निर्दयी है कि एक दूसरे को नोच खाये . सब पैसा कमाना चाहते है अच्छा घर , अच्छी ज़िन्दगी चाहते है मगर यह तो पक्का है इसी तरह चलता रहा तो अच्छा घर तो छोड़ो तुम्हारे कमरों में ये ठंढक देने वाले एयर कंडीशनर फैल हो जाएंगे. चाहे तुम्हारे पास कितना ही पैसा क्यो ना हो तुम सब कुछ खरीद सकोगे मगर इस बदलते पर्यावरण में अच्छी ज़िन्दगी नही ले पाओगे.

मुझे आज भी याद है जब हॉलीवुड के मशहूर अभिनेता लियोनार्डो डी कैप्रियो को ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया था तब उन्होंने एक बार कही थी कि Climate is changing.
ये अवार्ड , शोहरत , पैसा , गाड़ी तो धरे के धरे रह जाएंगे जब यह पृथ्वी ही नही बचेगी .

समय मिले तो लियोनार्डो के इंस्टाग्राम पर जाकर देखना की वो किस कदर दुनिया को सावधान कर रहे है इस खत्म होती पृथ्वी के बारे में . हाल ही में उन्होंने तस्वीर पोस्ट की जिसमे कई देशों के आने वाले सालों में बढ़ते तापमान का अनुमान बताया गया है , जो भयानक है .
नीचे दी गयी तस्वीर से समझना कि कैसे क्लाइमेट चेंज इस पृथ्वी का पूरी जियोग्राफी ही चेंज कर देगी .


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