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नए साल में ज़िन्दगी जीने के पांच सफल तरीके

नए साल में ज़िन्दगी जीने के पांच सफल तरीके

1) संयम और मेहनत , आस्था की तरह होते है ! ये पहाड़ भी हिला देते है!
पिछले साल आपने जो सोचा था वो नही हुआ कोई बात नही , साला अभी पूरी ज़िन्दगी पड़ी है.
ज़िन्दगी बहुत बड़ी है , जो बनना चाहते हो बनो , जो करना चाहते हो करो , समय लगता है , वेसे मैग्गी भी दो मिनट से ज्यादा का समय ले ही लेती है बनने में . फाडू वाली मेहनत करो , संयम रखो , सफलता मिल जायेगी और साथ ही अनुभव भी !!
2)अच्छे समय के लिए तैयार रहो
माना कि 2017 आपके लिए कुछ ख़ास नही था ,मगर यह बात शाश्त्रो में भी लिखी है कि समय बलवान है . अगर आपका अभी बुरा समय चल रहा है तोह अच्छा समय आने वाला है ,यही सोच कर खुश रहो. और अगर आपका अच्छा समय चल रहा है तो इसे खुलकर जियो ,क्या पता यह समय चला जाए. कहने का सार यह है कि मस्त रहो ,खुश रहो , अच्छा समय आने वाला है!!
3)छोटे से शुरुआत
2018 में आप जो भी नए रेसोलूशन्स बनाओ ,उनको अच्छे से पूरा करने के लिए छोटे छोटे कार्यो से शुरुआत करो. जैसे की आप वर्कआउट करना चाहते हो , तो सीधे एक घण्टे या आधे घण्टे व्यायाम करने की योजना मत बनाओ ,क्योकि हम किसी काम को जब पहली बार करते है तो हम सालो के आलस को छोड़ना पड़ता है. और यह आलस एक दिन में खत्म नही होता. तो छोटा लक्ष्य रखो ,जैसे की एक पुश अप करने का लक्ष्य. यह बहुत छोटा लक्ष्य ,इतना छोटा की आपको इसे करने में जरा भी कष्ट नही होयेगा. लेकिन जैसे ही आप एक पुश अप करते हो आपको अच्छा महसूस होता है फिर आप एक और पुश अप करते हो ,और फिर एक और.
तो दोस्तों आप किताब पढ़ने चाहते हो तो एक पन्ने पढ़ने का लक्ष्य रखो ,क्योकि इससे आपकी निरंतरता भी बनी रहेगी और आपको इसमें जरा भी कष्ट नही होयेगा.
4)सुनो सबकी , करो खुद की
सबकी सुनने वाले खुद की आवाज़ खो देते है. आप क्या करना चाहते हो ,क्या बनना चाहते हो ,उसके लिए उठो ,काम करो ,और उस लक्ष्य तक पहुचने में छोटे छोटे लक्ष्य रखकर उनको पुरे करते रहो.आप लेखक बनना चाहते हो ,मगर कोई आपसे कहे की इसमें कोई स्कोप नही , और आप उसकी सुनकर अपना लक्ष्य बदल लेते हो ,मगर क्या पता आपके लिए भविष्य में क्या अच्छा लिखा हो. तो दोस्तों सबकी राय लो , सुनो सबकी , मगर करो खुद की. क्योकि इस दुनिया में आप अकेले आये हो , और अकेले ही जाओगे , तो खुद के मन की करो ,कल को आपको यह पछतावा ना हो की आपने खुद के दिल की नही सुनी.
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