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कर्म ही इंसान का धर्म है !!

कर्म ही इंसान का धर्म है !!

कहते है गधे की तरह काम करने से अच्छा है शेर की तरह आराम करो.
मगर यह कौन बतायेगा  की शेर को व्हाट्सएप्प नही चलाना होता है , और उसके लिए अच्छा स्मार्टफोन चाहिए ,और शेर की गर्लफ्रेंड नही होती जिसे आप गाडी पे घुमाओगे जिसके लिए गाडी और पेट्रोल की जरुरत पड़ती है .वो शेर है जंगल का राजा है और साला तुम्हारा राज तो उस दिन ही खत्म हो गया था जब तुम्हारी शादी हुई थी .
मेहनत जरुरी है , क्योकि यह आपको कर्मशील बनाती है ,कुछ भी काम मगर तरीके का. कोई भी काम करते रहो , बिजी रहो , चाहे किताब पढ़ो, टीवी देखो , किसी से मिलो , गार्डनिंग करो ,कोई जॉब करो , कुछ सीखो , मगर बिजी रहो . व्यस्त रहने का यह मतलब नही की कोई नौकरी ही करो , अगर आप कोई ढंग की किताब भी पढ़ रहे हो तो वो भी कर्म ही है ,अगर आप टीवी देख रहे हो और कुछ तरीके का देख रहे हो वो भी कर्म ही है ,आपको तय करना होगा क्या सही है क्या गलत है .
Be a Human , You Can't be a Tiger because It is Animal who has Animal thing but You are human and You have Human things but Why are You trying to be a Animal thinga ?


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