जिस शहर को सफलता कहता है
भला हूं मैं असफल ही
क्योकि मुझे मेरा गाँव पसंद है ,
भला हूं मैं असफल ही
क्योकि मुझे मेरा गाँव पसंद है ,
जिस शहर में हवा भी पैसों की मोहताज है
भला हूँ मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में पेड़ो की पत्तियों से
बहकर आती हवा है
और इसलिए मुझे मेरा गाँव पसंद है ,
भला हूँ मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में पेड़ो की पत्तियों से
बहकर आती हवा है
और इसलिए मुझे मेरा गाँव पसंद है ,
जहाँ सन्नाटे को एक टक ताकतें रहते है कान
क्योकि शहर के तो दीवारों के भी कान है
भला हूं मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में दीवारे भी मिट्टी
से जुड़े रहने का एहसास दिलाती है,
क्योकि शहर के तो दीवारों के भी कान है
भला हूं मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में दीवारे भी मिट्टी
से जुड़े रहने का एहसास दिलाती है,
जहा कहने को घर एक छोटा सा
दीवारों से घिरा मकान है
भला हूँ मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में घर
खुली जगह और खुला आसमान है ,
दीवारों से घिरा मकान है
भला हूँ मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में घर
खुली जगह और खुला आसमान है ,
अपना काम भला दूसरे का हो बुरा
अगर यही शहर का ज्ञान है
तो भला हूँ मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में लोग अनपढ़ है
मगर दिल से इंसान है !!
अगर यही शहर का ज्ञान है
तो भला हूँ मैं असफल ही
क्योकि मेरे गाँव में लोग अनपढ़ है
मगर दिल से इंसान है !!
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