ज़िन्दगी से बेर कर लिया है हमने
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही !
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही !
दो कदम आगे चले तो खड्डे में जा गिरे
दो कदम पीछे चले तो वही ज़िन्दगी मिल गयी
दो कदम पीछे चले तो वही ज़िन्दगी मिल गयी
मंजिल पर पहुचने का कोई आसान रास्ता नही है
क्या करेगा फ़कीर जब उसे ऐसी ज़िन्दगी मिल गयी
क्या करेगा फ़कीर जब उसे ऐसी ज़िन्दगी मिल गयी
ज़िन्दगी से बेर कर लिया है हमने
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही
बड़े पाप किये होंगे हमने शायद
हिसाब का हिसाब चुकाना होगा शायद
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही
हिसाब का हिसाब चुकाना होगा शायद
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही
जीवन क्या है दो वक़्त का खाना बस
इसी सोच पर झूल रहा है कारवां बस
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही !!
इसी सोच पर झूल रहा है कारवां बस
तभी ज़िन्दगी आगे नही बढ़ रही !!
मौत को तो आना है आजायेगी
मगर इस ज़िन्दगी का क्या जो आगे नही बढ़ रही
शायद खुद से आगे निकलना होगा
घर से ,अपने शहर से बाहर निकलना होगा
रजाई से निकलकर ज़िन्दगी को हराना होगा
क्योकि ज़िन्दगी तो बढ़ नही रही, मुझे ही आगे बढ़ना होगा !!
मगर इस ज़िन्दगी का क्या जो आगे नही बढ़ रही
शायद खुद से आगे निकलना होगा
घर से ,अपने शहर से बाहर निकलना होगा
रजाई से निकलकर ज़िन्दगी को हराना होगा
क्योकि ज़िन्दगी तो बढ़ नही रही, मुझे ही आगे बढ़ना होगा !!
0 Comments: