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पिंक फिल्म का वो दृश्य जिसमे अमिताभ कोर्ट रूम में कटघरे में खड़े रहीस बाप का बेटा जिसने विदेश जाकर पढाई की , जिसके खानदान के समाज में ऊँची जान पहचान है ,को जेब से हाथ निकालने को कहता है .
इन्ही लोगो को कहते है पढ़े लिखे गँवार . भारत में खूब मिल जाएंगे , होने को ये डॉक्टर ,इंजीनियर होंगे या उनके परिवार के लेकिन ये सक्श आपको मिल जाएंगे ट्रैफीक लाइट पर जब लाइट लाल हो जाती है लेकिन इनकी गाडी का आगाड़ी हिस्सा तो जेब्रा क्रासिंग लाइन को पार कर ही जाता है .और तो और रात दस बजे बाद तो ये रेस्पेक्टेड लोग ट्रैफिक लाइट को इस तरह अनदेखा करते है ,जैसे सरकार गरीबो के उदार के लिए किये वादों को अनदेखा कर देती है .
ये पढ़े लिखे लोग वही होते है जो अक्सर किसी नेता के पक्षधर हो जाते है क्योंकि वो उनकी जाती या उनके धर्म का होगा भले ही वो मुजरिम नेता ही क्यों न हो.
ये वही पढ़े लिखे लोग होते है जो सब्जी वाले से मोल भाव करते है और बड़े बड़े मालों में चूतिये बन जाते है
ये पढ़े लिखे लोग चलती गाड़ी से कुछ भी खाकर बाहर फेंक देते है , और कहते है देश बहुत गंदा है .
ये पढ़े लिखे लोग कागज बचाने की बात करते है मगर एक पेड़ लगाने की जहमत नही उठाते .
ये पढ़े लिखे लोग फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर अपने धर्म ,जाति के पेज या ग्रुप से जुड़े हुए होते है .और गाड़ी के पीछे अपनी जाति (Cast) का नाम ऐसे लिखवाते है जैसे पीछे वाले का जन्म तेरी जाति या धर्म जानने के लिए ही हुआ है !!
ये पढ़े लिखे लोग बुद्दिजीवी होने का ढोंग करते है ,कभी गाँधी और भगत सिंह में तुलना करते है ,कभी अंबेडकर को गाली देते है.
ये पढ़े लिखे लोग सौ ब्राह्मणों को खाना खिलाते है और एक भूखे भिखारी को भीख नही देते .  कहते है इससे भीख मांगने वालों की तादात बढ़ जायेगी . मगर याद रख भिखारी सब है कोई मंदिर के बाहर भीख मांगता है तो कोई मंदिर के अंदर . अगर भगवान् भी बुद्दिजीवी बन जाए तो   !!
क्या आप भी पढ़े लिखे ..........?????

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