" सवाल पूछने वाला कुछ देर के लिए मूर्ख रहता है,मगर सवाल नही करने वाला हमेशा के लिए मूर्ख रहता है ".यह चीनी कहावत हम सबने सुनी है.मगर भारत मे आज के दौर में इस कहावत का कंट्राडिक्शन भी है की जो सवाल पूछा जा रहा है उस सवाल की ईमानदारी कितनी है.कई बार कुछ सवाल इसलिए पूछे जाते है कि असली मुद्दे वाले सवालों को दबाया जा सकें. वरना कौन देश के प्रधान से यह पूछता है कि आप आम खाते है या नही ?. बता दे कि यहां सवाल पूछने वाला मूर्ख नही समझदार है ( यहाँ ईमानदारी का समझदारी से कोई मेल नही है ) और वो इस तरह के सवाल कर दुनिया को चूतिया बना रहा है. क्योकि अगर जब असली मुद्दे वाले सवाल पूछे जाते है तो आधा भरा पानी का आशावादी ग्लास भी कुछ देर बाद पूरा हवा से ही भरा रह जाता है. और कई बार सवाल दोस्ती यारी में भी कड़वाहट पैदा कर देती है.
खेर ऊपर लिखे इस रेंडमली आर्टिकल का सीधा सम्बंध भारत के सबसे सफल एक्ट RTI से है. हाल ही में देश मे rti एक्ट में संशोधन का बिल पास कर दिया गया है और थैंक्स टू बीजेपी आरजेडी टीआरएस . बिल पास होते ही देश मे इसका विरोध शुरू हो गया. मगर आखिर इसका इतना विरोध क्यो हो रहा है यह जानने से पहले हम आपको बताते है कि आखिर RTI ACT यह क्या ?
RTI ACT
Rti पूरा नाम RIGHT TO INFORMATION , हिंदी में सूचना का अधिकार. हम सब पढ़े है दसवीं में सामाजिक विज्ञान की किताब में.यहअधिनियम ताकत देता है हमारे अधिकारों को. यह किसी भी सरकारी दफ्तर , किसी भी ऑथोरिटी से सवाल पूछने , सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है.और बहुत जानने के लिए नीचे क्लिक करे.
क्यो विरोध हो रहा है ?
यह वही अधिनियम है जिसको कांग्रेस की सरकार के दौरान लाया गया और इसके कारण ही उस सरकार का बंटाधार हुआ. चाहे 2g घोटाला हो या कॉमन वेल्थ घोटाला सबके पीछे RTI एक्ट का ही सहयोग था.मगर हाल ही इस अधनियम में कुछ बदलाव किए गए है जिससे इस एक्ट की ताकत कम होती दिख रही है,या इस बदलाव से इसे भविष्य में कमजोर किया जा सकता है. इस बदलाव के अंतर्गत अबसे इस विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह सराकर तय करेगी,उनका काम करने का समयकाल सरकार तय करेगी, इससे इस एक्ट के सरकार के अंडर में आने का खतरा बढ़ सकता है. इस अधिनियम में संशोधन के ऊपर कई सारे वीडियो और लेख इनटरनेट पर मिल जाएंगे.आगे क्या होगा ?
जो मंजूरे खुदा होगा. और खुदा वही होगा जो सत्ता पर राज करेगा, जो जब मन चाहे नोट बंद करवा देगा, जो मीडिया को खरीद लेगा, जिस वजह से कई महत्वपूर्ण सवालों से भी जरूरी सवाल मीडिया पूछेगा जैसे कि आप दिन के कितने घंटे सोते है ?....आप आम खाते है या नही ?
और कुछ बहुत ही ग्लोबल सवाल जिनको राष्ट्रीय सवालों की श्रेणी में डाल दिया गया है।जैसे :
1. मैलोडी इतनी चॉकलेटी क्यो है ?
2.कटप्पा ने बाहुबली को क्यो मारा ?
3.पहले मुर्गी आया के अंडा ?
4.एक्स्ट्रा 2AB कहा से आया ?
वेसे यह सवाल अगर मीडिया द्वारा उठाये जाए तो बेशक देश के मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सकता है.
फिर भी कुछ होते है जो सवाल करना चाहते है, जैसे नोटबन्दी क्यो की गई?...कालाधन आया कि नही ?....अच्छे दिन कब आएंगे?। मगर इन सवालों के लिए अभी दिल्ली दूर है ।।
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