इस दुनिया मे सबसे आसान है मीडियोकर बन जाना और सबसे मुश्किल है एक मीडियोकर बन कर जीना.
एक मीडियोकर जो अपने सपनों को कत्ल कर देता है सिर्फ उस आराम की ज़िंदगी के किये जिसमे उसे कई परिस्थितियों में बेवजह ही संतुष्ट होने का दिखावा करना पड़ता है.
यह मीडियोकर वहीं से बनना शुरू हो जाता है जहाँ इसके मन मे लीडरशिप के ख्वाब रूपी बुलबुले उछल रहे हो मगर आत्मविश्वाश की कमी के कारण उसे दूसरे की सोच के अनुसार काम चलाना पड़ता है।
यह मीडियोकर की ज़िंदगी काम चलाऊ बन जाती है.उसे कई बार कई सारी जगह समझौते करने पड़ते है. फिर भी इस दुनिया मे जो कई सालों से ट्रेंड पर है वो मीडियोकर ही है।
यह मीडियोकर की ज़िंदगी काम चलाऊ बन जाती है.उसे कई बार कई सारी जगह समझौते करने पड़ते है. फिर भी इस दुनिया मे जो कई सालों से ट्रेंड पर है वो मीडियोकर ही है।
क्योंकि जितना आसान पेड़ से अमरूद तोड़कर खाना , उतना ही आसान मीडियोकर बनना , जबकि इससे आगे की सोच रखने वाला अमरूद का पेड़ लगाता है ।।
लाइफ ऑफ मीडियोकर
कक्षा में पहली बेंच के बच्चों
की कहानियां सुनाई जाती है,
तो आखिरी बेंच पर बैठे बच्चों की
शैतानियां सुनाई जाती है,
मगर जो बीच मे बैठा है
उस पर कोई ध्यान नही देता है।।
फिर वो कॉलेज की राजनीति , खेल कूद ,नाच गाने
का दर्शक बन जाता है
उसके ख़यालो की ट्रेन
उसके काम के आड़े आती रहती है
वो मीडियोकर है , उसके काम मे मीडियोकर की बू आने लगती है,
सब माफ है यहाँ कुछ भी हो जाना
आसान है यहाँ मीडियोकर बन जाना
और भीड़ में खो जाना ।।
What is life ?
इसका जवाब मिले तो मुझे भी बताना ।।
इसका जवाब मिले तो मुझे भी बताना ।।
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