इस फेमिनिस्म की दौड़ में यह फिल्म भी महिलाओं के सेल्फ एस्टीम , सेल्फ पावर पर प्रकाश डालती है . Steve Mcqueen द्वारा निर्देशित इस फिल्म का विषय महिलाओं के ऊपर है तो जरूरी ही है कि लेखक भी कोईं महिला ही हो . क्यों जिस पूर्ण परिपेक्ष से महिला महिलाओं की सोच को बतला सकती है उतने पूर्ण रूप से कोई पुरुष लेखक महिलाओं के नजरिये को नही बतला सकता .
फिल्म की लेखिका Gillian flynn ने पहले भी women power की कहानी कही थी " Gone Girl" फिल्म में .
फिल्मे के three act structure की बात करे तो फर्स्ट एक्ट बहुत शानदार और जानदार है . पहले दर्शय से ही आपको फिल्म से जोड़ दिया जाता है . शायद यह हॉलीवुड के कई बेहतरीन ओपनिंग क्रेडिट्स में जोड़ा जाएगा .
सेकंड एक्ट थोड़ा धीमा है , क्योकि इस दौरान फिल्म का क्लाइमेक्स का निर्माण किया जाता हैं , मगर थर्ड एक्ट और बेहतरीन हो सकता था .
स्टीव mcqueen की शायद यह सबसे लीस्ट गुड फिल्म रहेगी क्योकि उनकी पिछली फिल्मे Hunger (2008) , Shame (2011) , 12 years slave (2013) उनके उम्दा सिनेमा के उदाहरण है , मगर यह फिल्म भी अच्छी है देखने लायक है मगर अकादमी अवार्ड विनर से मैंने बहुत ज्यादा उम्मीदे रख ली थी !!
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